Friday 9 September 2011

मिनखपणा

गोपाल अबार ईज मीनो डेडक होसी इंजीनियर री भणाई पूरी कर गांव आयो हो। स्हैर गयो जद जील सूं फखत थाकोड़ो ई हो पर अबै बित्यां छव बरसां मांय तो गोपाल पूरो बदलगो हो।

अबै लांठै डील रो धणी छवेक फुट डीगो। गोरो निचोर। डील सूं चिप्योड़ी जिंस पेंट अर उण सूं मेल खाती टी शर्ट, कमर पट्टो अर उणरै सियारै इज मोबाईल मेल्योड़ो, आंख्यां पर कालो चस्मो। हाथ में सोना रंग री घड़ीयाल। एकदम हीरो लागे हो गोपाल।

गांव रा सगला मिनख लुगायां गोपाल रा बखाण करता नीं थाके हा। जिणरे मूंडा सूं सुणो फखत गोपाल राई ज बखाण सुणीजै। चौपाल मांय बूढा बडेरा हथाई करै तो हर बखत आ इज हथाई। कदै कदै गोपाल पण हथाई सारू चौपाल मांय मिल जावै अर घणै हेत सूं सगलां सूं हथाई करै। मोट्यार गोपाल सूं हथाई रौ चाव राखै।


गोपाल जद उणरी ट्रेनिंग री विगत बतावे तो सगला एक चित होय सुणता ई रह जावे।

गोपाल रै इंजीनियर री भणाई करण री डूंडी पूरा चौखला मांय धकै सूं धकै बाजती री। अबै उणरै सगपण सारू लांठा लांठा सगपणिया पग आंगणो करण लागा। बो आठवीं किताब पढतो हो जद आखा तीज रै टाणो बाल विवाह रै फेरा मांय झइल जावतो पर थोड़ी समझ राखी अर ब्याव सूं मुकर गयो हो। गोपाल अबे नवा नवा सगपणिया रै सां ी ई नीं जावै। क्यूंके बो उणरे सागे ट्रेनिंग करण आली छोरी रूखसाना सूं प्रेम करण लागो हो। रूखसाना रै सागै हेत नै सात जनमां तांई निभावण री ाम दे चुक्यो हो।

गांव री चौपाल हरेक बखत मिनखां टाबरां सूं अटियोड़ी रैवती ही गोपाल पण इण चौपाल मांय भेलौ हथा ी रा ठमीड़ा दे रह्यो हो के टाकियो उणनै एक बिरनी झेलाय दी। गोपाल सगलवो रे सामी ईज बिरनी खोली ओ भणियो तो बो उणरे नौकरी रो हुकम पानौ हो। कोलकातात री एक लांटी कंपनी मांय नौकरी मिलगी ही।

पूरा चोपाल मांय खुसी वापरगी। गोपाल राजी राजी घरे पूगो। मां अर बा ने हुकम पानो पढर सुणायो बे पण घणा राजी व्हिया। गोपाल स्हैर जाय रूखसाना सूं मिलियो। रूखसाना पण घणी राजी व्ही अर मिठाई मंगाय उणरौ मीठो मूंडो कराय घणी बधाई दीनी।

दिन दसेक रै आंतरै गोपाल कलकते पूगो अर उणरो ओहदो संभालयो। मीना छवेक तक तो रूखसाना सूं हेत री हथाई री कानबाती व्हेती री पण..। बो कलकाता जिस मोटा स्हैर री चमक दमक मांय उलूझगो।

एक दिन..हेलो..हेलो..यस..आई..रूखसाना स्पीकिंग..हेलो गोपाल।में रूखसाना बोल रही हूं। कैसे हो? ठीक होना? गांव कब आ रहे हो। तुम्हारी बहुत याद आ रही है। थू म्हारै लारै क्यूं पड़ी है अर थूं कांई कैवणी चावै गर थूं बा जूनी रट अजै रटै है तो सांभल म्हारी बात के थारै जिसी गैली इण दुनिया मांय दूजीकोनी? झट सूं हेत रो डोरो तोड़ न्हाख्यो।

गोपाल..कांई बे दिन...? रूखसाना फेरूं टूटता कालजा में संभालती थकी पूछ्यो। ए जूनी बातां व्हैगी रूखसाना। कठै म्हैं अर कठै थारौ बो सांवलौ रंग। म्हारै साथै थारो मेल नी व्है सकै। रूखसाना, म्हारो भकत खोटी मती कर, म्हनै अजैज एक मीटिंग में जावणो है। गोपाल फेरूं पडूतर दियो। अर हथाई बंद। रूखाना नै बाढो तो लोही नी..। रिसीवर काठो हाथ मांय इज रैगो अर मूरत रै जिंय ऊभी रैगी, आंख्यां फाटीर फाटी रहगी। बा मन ई मन कैवण लागी, घ्कांई म्हैं अर गोपाल एक दूजा नै रंग सूं हेत राखियौ कै कालजा सूं। हेत में रंग रो कोई माजनो। कां ी लुगाई फखत पग री पगरखी ईज मानीजे। सैकड़ो सवाल उणरे उफणता कालजा मांय धपलका लेवण लागा। म्हारो फखत एक दोस कै म्हैं सांवली हूं अर बरसां री प्रीत..? बा मन मसोसर रहगी।

गोपाल बठीने कंपनी रै सेठ री एकाएक बेटी रै हेत रीजाल मांय पजगौ अर कोरट विवाह कर लियो। गोपाल नै खुद रा फुटरापा माथै घमो गुमेज हो अर घर आली पण फूटरी अप्सरा जिसी। करोड़पति बाप री बेटी बा क्यूं कम..? गोपाल तो बंगला अर पलका पाड़ती करां मांय रमगो।

सताजोग री बात गोपाल कंपनी मांय मसीनां री साल संभाल कर रह्यो हो के चाणचक एक बिजली सूं बासदी री ठिणगी (चिणगारी) उछली अर देखतां ई देखतां मशीन मांय लाय लागगी। गोपाल पण इण लपेटा मांय आयोग अर हाथ अर मूंडो भोबरीज (झुलस) गियो। गोपाल नै अजेज सफाखानै पुगायो गयो। दिन चारेक रै आंतरे गोपाल नै चेतौ आयो तो ुणरा हाथ अर डील नै देखतो रहगो। ईलाज पूरौ व्हियां पछै गा ोपाल नै गांव पुगाय दियौ गयो, उबै गोपाल नौकरी रै काबल नी हो। उणरी घर आली सेठ री बेटी राजनामो (तलाक) उणनै पूगतो कर दियो।

गोपाल मांची माथे सूत्यो हो अर उंडा विचारां मांय डूबोडौ हो। गोपाल..ऐ गोपाल..एक जनाना आवाज सुणीजी। तो बो देख्यो सामी रुखसाना ऊभी ही..गोपाल उणरे सांमी निजर नीं टिकाय सक्यो अर उणरी आंख्यां सूं पाणी री धारोलां बैवण लागी। गोपाल रो उणियारो इतरौ भोभरीजगो हो के सामी भालो तो डर लागतो।

गोपाल म्हारै सामी तो भाल..अर थोड़ो धीजो राख। होणी नै कुण टाल सके है। ए है म्हारा खामद (पति) अबार ई ज अमेरिका सूं प्लास्टिक सर्जरी में डागदर री डिगरी कर आया है। थारो ईजाल पूरो व्है जासी। प्लास्टिक सर्जरी सूं थारो उणियारो फूटरो व्है जासी अर हाथ पण सावल व्है जासी। पर..रूखसाना..म्हारे कने तो इतरा रिपिया..? गोपाल कहवण लागो। गोपाल इणरो बेरो थने कोनी। थू तो फखत म्हारे साथे चाल रिपिया टक्का म्हैं दे देस्यूं। रूखसाना अपणायत सूं कह्यो।

रूखसाना..म्हैं इण काबल कोनी..म्हैं तो थारे साथै..?..गोपाल जूनी किताब खोलण लागो।

गोपाल ए बातां अबै कोसां अलगी रैगी। आज करणो है ओ चार। रूखसाना कह्यो।

गोपाल रा हाथां अर उणियारा री प्लास्टिक सर्जरी व्ही बो अबै भलो चंगो व्हैगो। रूखसाना नै हाथ जोड़तो थको कैवण लागो, रूखसाना थारा मिनखपणा में अर म्हारा मिनखपणा में लाख गाडा रौ फेर है। म्हैं म्हारी नौकरी अर रूप नै देख मिनखपणौ भूलगौ हो।

गोपाल अबै नेड़ै स्हैर मांय नौकरी पर लागगो अर नैड़ा गांव मांय ब्याव कर घर बसाय लियो।

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