Friday, 9 September 2011

रोलो

मारो..काटो..बालो..।  

मिनखां रो हियो हियो लाग्योड़ो हो। इण जमघट रे बीचाले सै सूं अगाडी नवो नेतो थरपिजियौड़ौ। इयां थरेप कुण हो छिगाणे ई बणगो। मोवन हाथ में साठी पांचके फुट री डागं लियोड़ो सगगा ने सलीम रो घर माथे हमलो करण रौ कैवे हो। आ कैवत है के भीड़ रै कान व्है पवर मुंडो नी व्है..। देखा देखी सलीम रा घ मायं बड तोड़-फोड़ मांड दी अर घासलेट न्हाख लाय लगाय दी। सलीम उमरी लुगाई नगमा अर टाबर सगला कुरलावे हा। भेला भेला बां सगला ने पण कोजी भांत कूट्या। कारण कांई हो ओ भीड़ ने ठा नीं हो। सलीम रो कसूर फगत ईतरो ई हो के उणरो पांच बरस रो बेटो मोसिन रमतो कूदतो पोसाल सूं घरा जाती वेला भोलपण ऐक नैनो भाटा रो कोपरियो हाथ सूं छूटगो अर महोन री थलेटी रे मायला पासे पड़गो हो। 

बस मोबन ने तो जाणे चुनाव जीतम रो लांठो मुद्द मिलगो व्है इनै लैयर मोवन री आंख्या मांय बासदी रा धपलका उठण लागा। बारे न्हाट आयो अर देखोय तो छोरो..? इण बहात ने लेयने बास में हाका हुक मांड्या ! सुणो भायलो आज म्हारा घर माथे हमलो। काले थारा घर माथे होसी बास रा सगला मिनख लुगायां टाबर भेला व्हैगा। तेर तेर पूरा गांव मांय समचौ पूगतां जैज नीं लागी। भीड़ मांय कुण ई कारण पूछण री जुगत तक नीं कर सगला रे मुंडा सूं फगत ऐज इज सबद मारो..काटो..बाढो। आज छोड़नी नीं है। ज़डा मूल सूं गमावणो है अर सलीम रा घर ने बाल दियो। नगमा रो पग भारी हो। पण किण ने ई उण माथै दया नीं आई। उणरी पग बेणा कुटाई कर दी। बात मोटा ऐलकरां तक पूगी। बखतसर मौका माथै पूगर सांयती कराई नीं तो कांई ठाह कितरो खून खराबो व्है जावतौ। नगमा नै सफाखाने पुगवान री सगवड करीजी। डागदरां री जुगत रे पान गनमा सावल ही उणरे टाबर जमल गियो पर उणरे लोही री कमी ही इण सार डागदर जोड़ जुगत करण रो कह्यो। सलमी पण उण इज सफाखाना मांय दूजा वार्ड में भरती हो। लोही री जुगत कुण करे? 

इण बात री ठाह जद गांव रा एक समजा सेवक पुरूषोत्तम शर्मा ने पडी तो वे उणरो लोही दान करर नगमा री जिनगानी उबारण में नाभी भौमका राखी।  भीड़ में हवले हवले कानाबतां होवण लागी..असल रोली रा जड़ कांई ही? सलीम रो कसूर कांई हो? भीड़ में सौ मांय सूं निनाणू ने रोला रो कारण ठाह नीं हो। जद मोवन ने बुलायो अर विगत पूछो तो बो एक नैनोक कांपरियो कांच री अंटी जितोक नीठ होसी खुंजीया (जेब) मांय सूं बारे काढर नीची नाड़ कर बपतावण लागो अर कैवण लागो ओ कोपरियो सलीम रो छोरो म्हारो थलेटी रे मायला पासे फैंक्यो। म्हारा घर माथै साम्प्रदायिक हमलो कियनो। आज कोपरियो फैंक्यो अर काले फेरू कीं..? कैवण लागा बस इण छोटी सी बात ने भाखेर जिसी बणाय दी अर सलीम रो हरियो भरियो घर उजाड़ दियो..सकला पछतावे हा। पर भीड़ तो भीड़ व्है। पूरी पड़ताल रै पछै मोहन ने रोलो करावण रै जुलम में जेल व्हैगी ही।  

मीना दोयेक रे पछै मोवन री घरआली झमकू रै टाबर होवण आलो हो। अर आज वो समै नेड़ो आयगो हो। वा घर मायं एकली तड़फा तोड़े ही। पाडौसियां ने ठाह पड़ी तो उणनै अजैज सफाखाना ले गया। उणरा धणी मोवन जैल जावण रे वियोग में वा साव सूखर कांटो व्हैगी ही। वार्ड़ मांय भरती करता ई डागदर पैली लोही रो जतन करण रो कह्यो। मोवन रा काक बाबा ई सुणियो। जद सफाकाना पूगा हा वै लोही खातर अठी उठी घणी भागदौड़ कीनीं पण कीं काम नीं सरियो।सलीम उणरी घराली नगमा री जांच करावण सारू सफाखाने आयो हो। बौ करनै पलंग माथै सुती लुगाई ने तड़फा तोड़ती देखी तो बो कनै ऊभा मिनखा सूं पूछ्यो कांई बात है?..अर आ तो स्यात् मोवन..? हां सलीम भाई आ मोवन री घरआली है। इणने लोही चाईजै पर अजै सगवड़ व्ही कोनी। सलीम डागदर कने पुगर लौही दान करण रो मंसूबो जतायो। डागदर लौही री तपास कर लौही झमकू ने चढ़ाय दियो। झमकू ने डील मांय सगती वापरी। उणरे टाबर जलमियो राजी बाजी घरा आयगी।  

झमकू ने जद ठाह पड़ी के उणरी जिनगाणी उबारण आलो सलीम है। उणरो धणी जिणरो घर उजाड़ दियो। बा सलीम रै पगा पड़ घणी रोई। सलीम धीजो बंधावतो थको कह्यौ, झमकू मिनख रो सांचो धरम अबकी वेला मायं आडो आवे जद इज मानीजै। धरम तो एक दूजा ने जोडणो सिखावे। धरम ने मिनख सूं तोड़नो कै रोला करणो नीं सिखावे। पण अ ै के होत जद चिड़िया चुग गई खेत।  

मोहन ने जद आ ठाह पड़ी के उणरी लुगाई झमकू री जिनगाणी बो इज मिनख उबारी है जिण खातर रोलो मांड्यो अर उणरा घर ने अणखादी में उजाड़ दियो हो। अबै सिवा पछवाता रे उणरे कनै कांई नीं हो अर बो भींतां सूं भचीड़ खावण लागो।

1 comment:

  1. चालीसवें वर्ष के ग्यारहवें महीने के पहिले दिन को जो कुछ यहोवा ने मूसा को इस्त्राएलियों से कहने की आज्ञा दी थी, उसके अनुसार मूसा उन से ये बातें कहने लगा।
    4 अर्थात जब मूसा ने ऐमोरियों के राजा हेशबोनवासी सीहोन और बाशान के राजा अशतारोतवासी ओग को एद्रेई में मार डाला,
    5 उसके बाद यरदन के पार मोआब देश में वह व्यवस्था का विवरण यों करने लगा,
    6 कि हमारे परमेश्वर यहोवा ने होरेब के पास हम से कहा था, कि तुम लोगों को इस पहाड़ के पास रहते हुए बहुत दिन हो गए हैं;
    7 इसलिये अब यहॉ से कूच करो, और एमोरियों के पहाड़ी देश को, और क्या अराबा में, क्या पहाड़ों में, क्या नीचे के देश में, क्या दक्खिन देश में, क्या समुद्र के तीर पर, जितने लोग एमोरियों के पास रहते हैं उनके देश को, अर्थात लबानोन पर्वत तक और परात नाम महानद तक रहने वाले कनानियों के देश को भी चले जाओ।

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