सावण री पुन्यू राख़ रौ दिन फौजी करतार सिंह सीमा री रूखाली सारू हाथां में राइफल लेय सावचेत व्हीयोड़ो चारूं कानी निजर न्हाखतौ थको पोहरो दे रह्यो हो। आज राखड़ी रौ दिन हो करतार ने पण बेनन री घणी याद आवण लागी ही। रात दिन धड़धड़ गोल्या बरसावण आला रै नैणां मांय आज आंसुवां रा मोती ढलकै हा। पण निजर सीमा माथै उठियोड़ी एक पल भी खांडी ने व्है।
चाणचक उणने चिरड़ाटी सुणीजी। करतार संभल गियो। स्यात् आतंकवादी व्हैला? बो अलगी थकी निजर न्हाखी पण कीं नीं दीसिणो। तोडी ़ ताल फेरूं जोर जोर सूं चिरडाटियां सुणीजी, हरामी कमीने छोड मुझे बचाओ बचाओ। कोई है? करतार चिरडाटी नै ताकीद बणाय दौड़यौ। फेरूं बोल्यौ कौन है यहाँ? फेरूं एक जनाना आवाज सुणीजी घ्फौजी भैया बचाओ।ङ करतार दौड़यौ तो एक आंतकी बठै सूं न्हाटण लागौ। करतार तौ धड़ाधड़ गौलियां सूं वठै इज ढिगली कर दी। बो एक अपंग लरड़िया चारवण आली सूं जोर जबराई कर रह्यो हो। झड़का रै लारै बा मोट्यार पर अपरंग छोरी गांठड़ी सी भेली व्हियोड़ी ़डील में धूजणी छूट री ही। उणरा गाबा लीरा लीर व्हियोड़ा हा।
करतार उणरी लूंगी छोरी रै सांमी फैंकी तो बा ओढ लीनी। थूं कूण है? करतार पूछ्यौ अर सीमा तांई कियां पूगी? बा जलजली व्हैती थकी केवण लागी फौजी भैया म्हारी लरड़ियां चरती चरती अठै तांई पूगगी अर म्हैं पण इणां रै लारै लारै आयगी। घ्थारौ नांव कांई हैङ करतार फेरूं पूछ्यौ, घ्सलमाङ फौजी भया अर बो जिणरो म्हनै भा नीं हो अठै इंज झाड़का मांय लुकर बैठ्यौ हा। न्हाट र आयौ अर म्हारौ मुंहडौ काठौ भींच लियौ अर..? सलमा रै मूंडा रूं रैय रैयनै भैया..भैया सबद सुणता करतार नै उणरी बैन याद आवण लागी अर आंख्यां जलजली व्हैगी ही। सला फेरूं कैवण लागी भैया, देश रा साचा रूखाला हो। थां पर देश नै गुमेज है। करतरा बोल्यो, घ्सलमा, म्हरा पण थारै जिसी एक बैन ही। घणी फूटरी ही पण..बोलतो बोलता गणो रूंज गियो। पण कांई फौजी भैया? कांई हुयो उणरै लोग लग सवाल करण लागी सलमा।
सासरा आला दायजा रा लभी उणनै घासलेट ढोल बाल न्हाखी ही सलमा। म्हैं उणरौ रूखाली नी कर सक्यौ पर आज थारौ रूखालौ कर म्हारी आतमाना नै सायंती मिलगी। करतार दुख री कथा बांचण लाग्यौ हो।
आज राखड़ी रौ तैंवार है। सलमा म्हारी सूना कलाई माथै एक हेत रौ डोरौ बांध दे। सलमा उणरी फाटोड़ी ओढणी री एक लिरी करतार रै कलाई माथै बांध दी। करतार घणौ राजी व्हियौ आज उणनै सलमा रै रूप मांय बैन मिलगी ही।
सलमा भाई सूं विदाई ले आपरै गांव पूगी अब्बा अर अम्मी नै सगली बीती बात बताई। सलमा रै घरां नीं पूगण सूं घर री हांडी बंधी ही। अब्बू अर अम्मी दोन्यूं जमा फोजी बेटा री लंबी उमर री दुआ मांगी।
आज बरस एक बित्या राखड़ी रौ दिन आयौ पर अबकै सलमा री जगा उणरी राखड़ी अर मिठाई री पुड़कौ पूगौ हो अर साथै एक चिट्ठी ही..। भाई जान।
म्हैं म्हारा सासरा में खैरियत में हूं। थां पण देश रै अमन खातर झुंझता थका खैरियत में व्होला। था जिसा रूखाला पर देश नै घणो गुमेज है।
थारी लाडेसर बैन
सलमा
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