Saturday 10 September 2011

मोट्यार डोकरी

तेजो मां बाप रे एका एक हो। पण बात रो घणी स्योणो मोट्यार हो। लोग केवत तेजो जिनो बारे दिखै उणसू जैइ जमी मांय लागै। नही तो अत्ती हुस्यारी इणमें कठा सूं आयगी। 

तेजा रो सगपण कमला रे सागै कर दियौ। कमला रै ब्याव रा दिनांबीं उजाड़ में रात रूपाली बणगी। दारू री मैफलां हुई, चावल रांधीज्या। गीत गाल आखै दिन गाईजिया। मैंदी मांडीजी। ठिमख्या रा लीला लहंगा रे लाल चुट मगज्या लगाईजी माथे राता लाल गोटा रा ओढणियां में सगली लुगाया स्जयौड़ी सांतरी लागती। कांच रा खंबा। ताणी रा धोला घट्ट चूड़ा ने कांठला, मादालिया सूं भरयोड़ा गला सूं बैं गायां जाती, रांत्यूं नाच नीं थमतो। 

कमल गिणगौर सी सज्यौड़ी आंगणां में फिरती बरखा रूत री मोरनी जियां लागती। तेजो अर कमला घणा राजी आपरी मौज सूं रैवे। 
तेजो आठवीं तांई भणियो पढ़ियो मोट्यार हो, बो कमावणा सारू मुम्बई जावणं री मंछा राखै। कमला घणी राजी हुई के म्हारो धणी बम्बई जैड़ा मोटा स्हैर में जावेला अर घणौ धन कमार लावैला अर म्हैं भी दूजां री जियां सुख सूं रैवूंला। टाबरपणै सूं कमला रै मन में एक सुपनो हो, आपरो न्यारो निरवालो घर बसार सातूं सिंझया बाज्यां काम सूं थाक ने आया धणी री उडीक रो। आंगणो नीप चांक हालरियो हुलरावती नाचणै री मनस्यावा ली, मन रै पालणे बरसा झुलाई। बै मनस्यावां पल्ला सूं खुली कदे हाथ नीं आई। 

एक हाथ माथै तेजाजी नांव खिणायो बीं दिन तेजा ने कैवण लागी-म्हनै सोना रौ एक मादलियो घड़ाय द्यो। 

गैली क्यूं सोच करै? सोना रो तिमणियौ, बींटी, मादलियो सगला घड़ाय देवलूं, म्हनै बम्बई जारर कीं कमावण दै। 

बीनै ठाह हो के पूरो लगावण कोनी ल्यां सूकी-पाकी रोट्यां खाया भी आपणै पीसा कोनी ऊबरै पठै अठै रैवण सूं हाथ कियां सिरकसी?

दोन्यूं जणां आपरी तंगी जाणता मुलक्या। बा सोचे आखै दिन बलती तावड़ी में भाटा फोड़ा, माटी री गुणिया न्हाखां, रेतूड में सगलौ डीर भर्यौ रे। काम करता थका हाय बोय मची रैवे। धरती माथे केई मिनख सोरा धणाई रैवे, मोटरां में बैठ्यां नै देख जद लागै ए सैरा में बगला री मौज लैवे, भांत-भांत रा पकवान जीमै। पैलड़े जलम रा चोखा करयोड़ हुसी। 

कमला रो जीव रात दिन ई उजाड़ में रोजडीज्योड़ो घणओ दुख पावै। तेजो बम्बई जावै कमला घण हरख सूं कूंकु चावल रो टीको काढै, मूंडो मंगलैस सूं मीठौ करावै। कमला मन ही मन हरखै म्हारौ धमी बम्बई रा मोटा बंगला मांय रैवेला। मोटरा गाड़ाय में फिरैला। टेलीफून सूं बातां करैला, इण सपना मांय डूबगी। फेरूं तेजो कैवो कमला, म्हैं जावूं? थारी सगली मनसां हूं पाछो आय पूरण कर देस्यूं। तिमणियो, मादलियो..। अर बठै पुग्यां थांनै कागद मेल देस्यूं।तेजा ने बम्बई गयां छवमीना बीत गया। पण ओजूं कागद नीं आयौ। कमला कागद री उडीक में बारणा कनै बैठी रैवै। पण दो बरस निकल गया। तैजा रो कागद नीं आयौ। तेजौ बम्बई में छोटो मोटा काम करै रूखी सुखी खावै अर फुटपाथ माथै बंगला रौ सपनौ पूरौ करै। तेजो बम्बई में सोबत रै पाण दारू पीवणो सीख गियो अर रात में कोठा माथै जावण लागगौ। तेजा रा सगला सपना खिंडग्या। अबै बींने एक तरनाक मांदकी पकड़ लियो जिणने एड्रस केवां। तेजो कम भणियो पढ्यो हो, बींनै इण बात रो भान नीं हो अर सौबत रै पाण बो गलत मारग पकड़ लियौ। तेजा रौ डील तर तर गल लागौ। अबै बो काम नीं कर सकै। बीरां भायल ाबींनै सफाखाने लेग्या पण बै सगली बीं भकत चमकगा जद् डागदर बांने तैजा री मांदगी एड्स रे बारे में बतायौ। जो तेजा रा साथी सायना बम्बई में बीरै सागै उठात बैठता, दारू पीवता अर मौज मस्ती करता, अबै वै तेजा नै एकलो छोड़ दियौ। तैजौ बम्बई सूं गाव आयगौ। कमला घणी राजी हुई के म्हारौ धमी घणा बरसा सूं गांव आयौ है। रूपया री जेट लायौ व्हैला। अबै म्हारा सगला सपना पूरा व्है जावेला। पण बींने कांई ठाह के बो तो फगत एक मोटी मांदगी एड्स री गांठड़ बांधर ल्यायौ है जिणसूं खुद तो मरैला अर बींनै सागै मारैला। 

कमला तेजा रा काला भड़ी ़ डील नै देख मन मसोसर रैयगी। तेजो अब दिन गलतौ जावै। कमला घणी री चाकरी करै। ठीकरा में निपटै जिणने कमरा बारै न्याखै। 

इयां चाकरी करता तेजो घणा दिन नीं काढ्या अर बो एक दिन आंख मींच लीनी। कमला बीं दिन घणी कुरलाई अर छाती पोड़ी पण अब कांई हुवै। कमला रो सुवाग उतार दियौ अर बीनै एक लम्बै आस्तीन री कांचली (विधवा री) पैराय दी। अबै बा मोट्यार कमला एक डोररी सी लागै, आपरौ घणी बीने बम्बई सूं लायौड़ी मांदगी दैयर सुरग सिधाय गियौ। 

कमला रै बिरादी में नातौ व्हे पण कुण ई कमला सूं नातो करण नै त्यार नीं हो क्यूंकि तेजा रा बम्बई रे सफाखाना रा कागदां सूं आ बात खुलासा व्हैगी ही कै तेजो ऐड्स री मांदगी सूं मरियौ, ई वास्तै कमला में आ मांदगी जरूर आयगी व्हैला। 

अबै कमला डोकर्यां रै सागै सागै काम काज माथै जैवा अर डोरी रै जियां ही लम्बी आस्ती री कांचली, बिना सिंदर अर बिना टीकी री लिलाड। दागीणा रै नांव माथै कीं नीं। पग अर हाथ बांडा बट। अबै बा फगत एक मोट्यार डोकरी है।

No comments:

Post a Comment

Rajasthan GK Fact Set 06 - "Geographical Location and Extent of the Districts of Rajasthan" (राजस्थान के जिलों की भौगोलिक अवस्थिति एवं विस्तार)

Its sixth blog post with new title and topic- "Geographical Location and Extent of the Districts of Rajasthan" (राजस्थान के ...