Saturday 10 September 2011

परायो धन

पितामर अबार ईज विलायत सूं डागदर री भणाई पूरी कर गांव पूग्यो हो। पिताम्बर जको ऐक तूल्यो डील आलो छोरो हो पर अबै तो उणरो रूप ई निरवालो हो। गोरा गटट भरिये गोले अर घणो फुटरो लागे हो। आंख्या माथै विलायती चम्सो। कमर पट्टा रे मोबाईल बांध्योड़ो जामऐ भैरूजी रै भोपा रे घुंघरा बांध्योड़ा व्है।  

पिताम्बर रा मायत उणरा डागदर वारा रूप ने निरख-निरख घणा हरखे हा। गिणिया दिनां मांय ईज वो चोखले चांवो व्हैगो क्यूंकै बारै कोसी री भौ नै डैगदर नी हो। नैड़े एक स्हैर मांय घरू सफाखानो खोल दियो। देखता ई देखता पिताम्बर ने सफखाखाना मांय हियो हियो दिरीजण लागो। मरीजां री अणूती भीड़ भैली व्हैवण लागीगी। अबै पिताम्बर रा बखआण चोकलै चावा व्हैवण लागगा। 

पिताम्बर अजै कंवारो हो, उणरे सगपण सारू लोग आवण लागा पण मायता रो मनसूबो लूंठी आसामी रे बेटी सूं ब्याव करणो हो। पिताम्बर ने इण बहात रो भा नीं। वीं रै मन मांय ईसो लालच नीं हो। हरमेस पिताम्बर रो भाव ताव व्है पर दोदौ नीं जमै। छैकड़ पिताम्बर रो सौदो तय व्है जावै अर टीका रा दस्तूर में 21 लाख रोकड़ा, विलायती कार, हाथ री दसां आंगल्यां अर अंगूठां सारू 1-1 तोला री बींटियां। सफाखाना सारू जमी रो मोल। 
मायत फेरू कैवण लागा, सुणौ औ तो फगत टीक रो दस्तूर है। ओ दूजौ रूको ब्याव रे समै थानै देखण है-दो सौ जानियनां 1-1 तोला री सोना री सांकली क्यूंकै म्हैं उणारी जान में गिया जद म्हनैं ई मिली ही। जान रो डेरो 5 तारा होटल में दिरावणो चाईजे। पिताम्बर रो बापू सारू ऐक फटफटियौ, टी.वी. फ्रिज अर पिताम्बर सारू बंगला बणायर देवणो पिताम्बर री मां नाक मांय सल घालती थकी कैवण लागी।

नीलम भींत रे अडखल कनै लुकर ऊभी सगली बातां सुण ली ही। नीलम सूं बापू रो हाल देखोयनीं गियो। नीमल रो बापू रामजी लाल ऐक लांठो उद्योगपति हो। करोड़ो रो आसामी। देस रे नामी सैरा मांय मोटी मोटी फैक्ट्रियां चालै। उगिया आथमिय रो ठा ई नीं पड़ै..ऊंट री गाबड़ घणी लम्बी व्है पर बाढण सारू थोड़ी ई व्है? रामजीलाल कालजा माथै भाटो राखर हामी भर दी। नीलम रो ब्याव ठाट पाट सूं पिताम्बर रै सागै व्हैगो। सगली आस पूरीजी। 

छार छ मीना तो सूती ंगगा वही दिन सुख सायंती सुं निकलया। पण कैवत है के लोभ रै कोई थोब नीं व्है। लोभ बधतो गियो। पिताम्बरी मां आपरै खातर पच्ची तोला नेकलेस री मांग फेरूं कर न्हाखी। नी लावै तो घसलेट री पीप भरियोडी त्यार, जो पैली सूं ई मांय राखियोड़ी। 

नीलम घणी फुटरी फर्री, मिराग नैणी, हंस री चाल, पतली कमर रंग रूप सूं गौरी निछोर। एम.ए. तांई भणी पढ़ी। डिजायनर रो काम काज करै। हलकी गुलाबी धोती साड़ सागी रंग ही हाथां री कलाइयां में एक-एक चूड़ी होठां परहलको गुलाबी लिपिस्टिक, उणरा उणियार में च्यांर-चांद लगावै। इसी है नीमल पर पराया धन रो कांई मोल..?

रै रै ने मांग रे कारण नीलम सफा टूटगी ही। बापू पण बेटी री मांग पूरी करण में कसर नीं राखी पर जियां तियां व्है बैटी ने पराये धन मेलणी पड़ी। क्यूंकै बैटी बाप रा घर में नी खटै बां तो परायो धन गिणीजै। अबकै नीलम बापू सूं की मांग नीं राखी अर एक महिला संगठन री पाटवी सूं मिली अर सगली बिगतवार बताई। इण मुद्द री रपट नैड़ै सी थाणा मांय लिखाई गई। दायजा रा लोभ में बिनणी ने बालण री घौंस देवण रै जुरम में नीलम री सासू ने जेल री सजा व्ही। पिताम्बर तो घरवाली री रीस ने देख हाथ पग सूना पड़गा। नीलम ने हाथ जोड़ण लागो पर कैवत है रीसियोड़ी हथणी अर रूठियोड़ी लुगाई कम बैसी इस पाछी फोर्या करै। नीलम पिताम्बर सु तलाक ले लियो अबै बा ऐक लखक सूं ब्याप कर दियो अर सुख रू रैवण लागी। पुलिस कारवाही रे मुजब रामजीलाल रो सगलो धन जको दायजा अर टीका रै रूप में पिताम्बर ने दियो पाछो दिराय दियो।

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