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1. गलताजी के बाद रामानंद संप्रदाय की दूसरी महत्वपूर्ण पीठ कहाँ है ?
- सलेमाबाद
- जोधपुर
- ✓ रेवासा
- जालोर
भक्तमाल में रामानंद जी के बारह शिष्य कहे गए हैं अनंतानंद, सुखानंद, सुरसुरानंद, नरहर्यानंद, भावानंद, पीपा, कबीर, सेन, धाना, रैदास, पद्मावती और सुरसरी। राजस्थान में रामानंन्दी संप्रदाय का श्रीगणेश संत श्री कृष्णदासजी पयहारी ने किया, जो अनन्तानंद जी के परमशिष्य थे। पयहारी ने गलताजी, जयपुर ( जो तत्समयनाथियों का प्रमुख केन्द्र था ) में नाथपंथियों को शास्त्रार्थ में पराजित कर रामानंदी संप्रदाय की पीठ स्थापित की, जो राजस्थान में प्रमुख पीठ है। पयहारीजी के शिष्य उग्रदासजी नें सीकर के पास रेवासा में इस संप्रदाय की अन्य पीठ स्थापित की थी।
2. जयपुर के शासक रहे कछवाहा मध्यप्रदेश के नरवर से आये थे। उस समय लगभग संपूर्ण पूर्वी राजस्थान पर, यानि चम्बल के पश्चिमी तरफ किस जातीय समूह का शासन था, जिसके एक शासक के साथ धोखा कर दूल्हा राय कछवाहा ने अपने राज्य की नींव रखी थी ?
- ✓ मीणा
- गुर्जर
- ब्राह्मण
- जाट
जयपुर में प्राथमिक रुप से जागीरदारों का विभाजन 'बारह कोटड़ी 'से आधारित था, सरदारों में सबसे मुख्य राजपूत कछवाहा थे, जो राजा के निकट सम्बन्धी होते थे। जयपुर के समीप स्थित आमेर का किला कछवाहा राजपूतों के गौरवशाली इतिहास का गवाह है। आमेर की घाटी में मीणाओं को फतह कर उन्होंने जब आमेर नगरी बसाई तो वहीं एक पहाडी पर उन्होंने भव्य किले का निर्माण कराया था। वही किला आज आमेर फोर्ट के नाम से विख्यात है।
3. संगम योजना का सम्बन्ध है-
- ✓ विकलांगों से
- पहाड़ियों से
- नदियों से
- विधवाओं से
संगम योजना का उद्देश्य विकलांगों के कल्याण में वृद्धि है।
4. ब्राह्मण और भील पुजारी मिल कर इनकी पूजा करते हैं। राजसमन्द के केलवाडा के पास रीछडा में इन लोक देवी का भव्य मंदिर है। ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी को यहाँ भीलों का विशाल मेला भरता है। कौनसी देवी हैं ?
- ✓ आमजा माता
- घेवर माता
- बाण माता
- सुगाली माता
5. " साँझी लीला" भी किशनगढ़ शैली का प्रतिनिधि चित्र है , जो निहालचंद ने बनाया था। इस शैली के अन्य चित्रों "बनी ठनी", "दीपावली चित्र", "चाँदनी रात की संगोष्ठी" आदि से इस चित्र को अलग करने वाली बात है -
- शुक नासिका
- ✓ राधा की पोशाक में कृष्ण
- कमान जैसी भवें
- मत्स्याकार आँखें
6. जंगी ढोल की तान पर शेर और शिकारी शाम को नृत्य शुरू करते हैं, जो देर रात तक चलता रहता है। शेर और कोई नहीं , रुई लपेटे पुरुष ही होते हैं। बच्चे इस बिखरी रुई को इकट्ठा कर घर ले जाते है। मानते हैं कि बीमार होने पर बच्चों के गले में इस रुई का धागा बांधने से बीमारी ठीक हो जाती है। किस कस्बे में यह स्वांग होता है ?
- ✓ मांडल
- भिनाय
- नसीराबाद
- ब्यावर
7. सीता से जुड़े स्थान राजस्थान में कई जगह हैं। बारां में सीता बाड़ी का स्थान अपने विशाल मेले के लिए प्रसिद्ध है , तो इस ज़िले में सीता माता का नाम मशहूर अभयारण्य से जुड़ा है –
- ✓ प्रतापगढ़
- बूंदी
- बांसवाडा
- उदयपुर
8. उन्होंने उम्र भर गांधारी की तरह आँखों पर पट्टी बाँधे रखी थी। गांधारी अपने पति की अन्धता में सहभागी बनी थी, परन्तु राजस्थान की इन महिला संत ने पट्टी इस लिए बांधी थी, ताकि अपने आराध्य कृष्ण के सिवा किसी अन्य को देखना इन्हें गवारा नहीं था। इन्हें जानते हैं ?
- सहजोबाई
- ज्ञानमतीबाई
- ✓ समानबाई
- भूरीबाई
9. मारवाड़ जंक्शन से मावली जंक्शन जब आप रेल से जाते हैं तो रास्ते में अरावली को पार करना होता है। मारवाड़ को मेवाड़ से जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण मार्ग पर स्थित पर्वतीय घाट का नाम क्या है ?
- केवड़ा की नाल
- ✓ गोरम घाट
- रतनपुरा घाट
- चीरवा घाट
झीलवाड़ा की नाल , जिसे देसूरी की नालया पगल्या नाम से भी जाना जाता है, मेवाड़ को मारवाड़ से जोड़ती है। मुगलों के समय हल्दीघाटी के युद्ध के पश्चात् मुगलों ने अधिकांश आक्रमण इसी नाल से घुस कर किये। इसके अतिरिक्त मेवाड़ को मारवाड़ से जोडऩे वाली अन्य नाल सोमेश्वर की नाल, हाथीगुड़ा की नाल, भाणपुरा की नाल (राणकपुर का घाटा), कामली घाट, गोरम घाट व काली घाटी है।
10. बाणगंगा पर जब अजान बाँध बनाया गया तो, उसके लिए खोदी गयी मिट्टी के कारण एक छिछला तालाब सा बन गया। फिर यहाँ पानी भरा तो घने पेड़ उग आये और पंछियों का बसेरा भी बन गया। पंछियों ने इस जगह का नाम रोशन कर दिया।
- ✓ केवलादेव
- रामसागर
- तालाबशाही
- जमवारामगढ़
11. मंडरायल के किले को ग्वालियर की कुंजी कहा जाता था. यह किस जिले में स्थित है?
- ✓ सवाई माधोपुर
- करौली
- धोलपुर
- बारां
12. थेवा कला में कांच और सोने की जुगलबंदी देखते ही बनती है। कांच की ज़मीन पर सोने का काम करने वाले सुनारों को कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। इस कला में कांच का रंग अधिकतर होता है ?
- लाल
- पीला
- सफेद
- ✓ हरा
थेवा कला में पहले कांच पर सोने की बहुत पतली वर्क या शीट लगाकर उस पर बारीक जाली बनाई जाती है, जिसे थारणा कहा जाता है। दूसरे चरण में कांच को कसने के लिए चांदी के बारीक तार से फ्रेम बनाया जाता है, जिसे "वाडा" कहा जाता है। तत्पश्चात इसे तेज आग में तपाया जाता है। फलस्वरूप शीशे पर सोने की कलाकृति और खूबसूरत डिजाइन उभर कर एक नायाब और लाजवाब कृति का आभूषण बन जाती है।
13. शासक को भी कोई देशनिकाला देते हैं ? लेकिन अँग्रेज़ों ने इन सीकर के इन महाशय को चार वर्षों के लिए 1937 में सीकर से बाहर भेज कर जनता को बता दिया कि असली शासक कौन था –
- ✓ कल्याण सिंह
- राम सिंह
- फ़तेह सिंह
- शिव सिंह
14. यह इमारती लकड़ी राजस्थान के दक्षिणी भाग में मिलती है और अँग्रेजों ने इसके दोहन के लिए रेल लाइनें तक बिछा दी थी। इसमें मौजूद तेल की खुशबू के कारण दीमक इससे दूर रहती है।
- ✓ सागवान
- सेमल
- धोक
- साल
15. राजस्थान का यह स्थान देहली और मुंबई के ठीक बीच में होने से यहाँ एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ़ इंडिया ने अपना केंद्र बना रखा है।
- उदयपुर
- ✓ प्रतापगढ़
- जयपुर
- कोटा
मुंबई और दिल्ली के हवाई मार्ग के लगभग एकदम बीच में होने की वजह से प्रतापगढ़ शहर के नज़दीक धरियावद मार्ग पर 'एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया' ने एक 'वी ओ आर स्टेशन' (वायुयान संकेतक केंद्र) स्थापित किया है. राजस्थान सरकार ने अप्रैल २०११ में लगभग २ किलोमीटर लंबी,बड़े जेट विमानों तक के उतरने लायक एक हवाई पट्टी गांव वरमंडल में ( जो मुख्यालय से १२ कि.मी. दूर है ) मंज़ूर की है।
16. इस जाति के लोग खुद को कहते तो हिन्दू हैं , परन्तु किसी व्यक्ति के मरने पर उसके शव को जलाने की बजाय गाड़ते हैं। यही नहीं मृतक के मुँह में गंगा जल की जगह शराब की बूँदें भी डालते हैं !
- सहरिया
- भील
- सांसी
- ✓ कंजर
17. सटका शरीर के किस अंग का आभूषण है ?
- गला
- ✓ कमर
- नाक
- पैर
18. बलदेव, डालू राम और सालिगराम इस चित्र शैली के माने हुए कलाकार रहे हैं। बलदेव ने गुलाम अली के साथ मिल कर प्रसिद्ध चित्र "गुलिस्ताँ" बनाया था, जिस पर उस समय में एक लाख रुपये खर्च हुए थे। सुनहरे रंगों वाली इस चित्र शैली को पहचानिए -
- मेवाड़ी
- बूंदी
- मारवाड़ी
- ✓ अलवर
19. जयपुर रियासत ने 1924 में एक कानून बनाकर इस जाति के प्रत्येक परिवार के 12 वर्ष से ऊपर के स्त्री पुरुषों को नजदीक के पुलिस थाने पर रोजाना हाजिरी देना अनिवार्य कर दिया था। कभी इस क्षेत्र के मूल शासक रहे लोगों के लिए यह एक अमानवीय स्थिति थी। 1946 में जाकर इस कानून से बड़े आंदोलनों के बाद छुटकारा पाया जा सका था। कौनसी अभागी जाति थी ?
- गुर्जर
- भील
- ✓ मीणा
- जाट
20. कांच की तरह पारदर्शी संगमरमर का यह झूमर गुम्बद से लटकता रहता है। वास्तव में शिल्पी शोभनदेव ने कमाल ही कर दिया था। पूरे में मंदिर में अर्ध विकसित कमल के फूलों सी संगमरमर की ऐसी ही कलाकृतियाँ नजर आती हैं। कहाँ पर देख पाएंगे इस मंदिर को ?
- चारभुजा
- रणकपुर
- ✓ आबू
- चित्तौड़
21. विन्ध्य की घाटियों में विचरण करती यह बकरी आपको राजस्थान के पूर्वी भागों में मिलेगी। प्रदेश की आकर में यह सबसे छोटी बकरी है , लेकिन काम चारा खाकर भी यह तुलनात्मक रूप से दूध की मात्रा अधिक देती है। कौनसी नस्ल की हम बात कर रहे हैं ?
- जखराना
- लोही
- जमनापारी
- ✓ बारबरी
22. तलवार की नोक को क्या कहते है ?
- ✓ अणी
- फाल
- बाढ़
- मूठ
23. इंदिरा गाँधी नहर के बाईं तरफ की जमीन ऊँची होने से उस तरफ पानी पहुँचाने के लिए पानी को लिफ्ट किया जाता है. ऐसी अभी तक सात लिफ्ट नहरें हैं. इनमें सबसे लंबी नहर है?
- वीर तेजाजी नहर
- कंवरसेन नहर
- ✓ गुरु जम्भेश्वर नहर
- जयनारायण व्यास नहर
24. मेगा हाई वे परियोजना के संचालन के लिए गठित उपक्रम है-
- ✓ रिडकोर
- रेडा
- सिडको
- रीको
मेगा हाइवे परियोजना के क्रियान्वन हेतु राजस्थान सरकार एवं मैसर्स आईएल एंड एफएस के मध्य 50:50 की भगीदारी से एक संयुक्त उपक्रम रोड इन्फास्ट्रक्चर डवलपमेंट आॅफ राजस्थान लिमिटेड ( रिडकोर ) की स्थापना अक्टूबर, 2004 में की गई थी।
25. जेलर मगन राज व्यास के कहने पर उम्र कैदी अब्दुल रहमान और उसके साथियों ने भूख हड़ताल पर बैठे इन स्वतंत्रता सेनानी की इतनी पिटाई की कि उनकी पसली ही टूट गयी. पिटाई और तेज गर्मी के कारण इन्हें आये तेज बुखार और दस्त ने आखिर १९ जून १९४२ को इनकी जान ही ले ली, क्योंकि निर्दयी शासन ने उपचार भी नहीं करवाया. कौन थे यह महान सेनानी ?
- सागरमल गोपा
- जय नारायण व्यास
- बीरबल सिंह
- ✓ बालमुकुंद बिस्सा
sir it`s very good job for upgreade the GK
ReplyDeletevery very thank you sir...
BHUT BADHIYA.ITS SO HELPFUL FOR STUDENTS WHO PREPARING COMPETITIVE EXAMS.
ReplyDeleteYE PRASHNOTARI BAHUT AACHI HAI ITS REALLY HELPFUL FOR EXAM PREPARATION
ReplyDeleteDear Sir,
ReplyDeletePlz provide general Hindi MCQ....& Ofcourse thanks for GK Questins
superb collection
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