Friday 9 September 2011

लांपौ

पन्नालाल कटारिया 'बिठौड़ा''
कदै लाठै डील रा धणी मिसरा जी, धवला धट्ट गाभा माथै चिमटी रंज नी लागण देता। करड़ो धन्ज आंटीलो अर मुंझालो। आठो पोर मुंछा रे बट लगायोड़ो राखता अर राखै पण क्यूं नी सैकड़ा बीघा जागीरी रो घणी अर कनै दूजी पग अणूती अजोग। 

अजोग रे पाण आपरे दोन्यूं बेटा अर बेटी ने चोखा भणाया पढ़ाया। दोन्यूं बेटां ने ठावा डागदर बणाया। मिसराजी सगला रे सामी चौड़ी छाती कर बोलता मन माथै अणूतो गुमान हरैक बार वे आपरै मन री बात कह देता कै म्हारा बेटा विदेसा रा लूंठा डागधर बणै तो ईज म्हारो सुपनो पूरो व्है। 

छेकड़ मिसराजी रो सुपनो पूरो व्हियो। दोन्यूं बेटा री दिसावर (अमेरिका) मांय नोकरी लागगी। मिसराजी री बेटी सहारा नै पण भणाई पढ़ाई बा पण कनै स्हैर मांय एलकार बणगी। अबै मिसरा जी री छाती सवा गज बधगी। हरैक बखत बेटां रा बखाण करता जबान ई नीं थाकती। दोयक बरसां तक तो सगलो ठीक ठाक रह्यो। पईसा टक्का खिनाता तैरवता पर बखत रै पाण बेटा दिसावरी संगत मांय रलगा रमगा। दिसावर मांय इज ब्याव कर दिया। बापू ने खबर तक नीं। 

मिसराजी आपरी एक बेटी सहारा रो सगपण जोड़ी रो छोरो देख कर दियो। 

आज मिसरा जी माता माथै पड़या पड़या खैंखार करै, कनै एक फूट्योडी ठिकरो पड़ियौ खैंखार थूकण खातर। मांदगी किण री सगी? डील रै सगलौ लागगो। कोरा हाड़का बचिया हा। पड़ता दिनां सगला रा ऐ इज हवाल व्है। मिसराजी जको सुपना देख्या बे पूरा किना पर आज इणरे बुढ़ापा री डांगड़ी फकथ सहारा इज ही। बखत काढ़र बापू री दवा दारू करावती साल संभाल करती। ईयां करता मिसराजी घणा दिन नीं काढ़्या अर एक दिन इण दुनिया ने छोड़ जाता रह्या। आस पड़ौस कांनीं सूं सहारा ने समिचार करिज्या तो दोन्यू बेटी जंवाई ऊभै पगां पूगगा। सहारा उमरे दोन्यूं भायां सूं कानाबाती (टेलीफून) सूं बतल किनी कै अठै बापू देवलोक व्हैगा। जियां तियां बेगा पूगो। बीं टैम तो मोटैड़े भाई रो मूंडो ई नीं खूल्यो पर घड़ी डेडैक रै पछै फोन री घंटी बाजी। सहारा रिसिवर उठार सुणियो तो मोटेड़ो भाई बोल्यो सहारा आज म्हारै जरूर कांफ्रेंस है। म्हैं नीं पूग सकूं। बैया थनै ठाह है थूं कां ी बोल रह्यो है, थोड़ो संभलर बोल, ओ बखत टालो करण रो नीं है। मां बाप री अरथी ने खांदो अर अगलनी लांपो कै मुट्ठी माटी उणरा बेटाई ज दिया करै अर आई ज समाज री रीत है। इण खातर थनै कियां ई व्है पूगणो पड़सी। 

सहारा। म्हैं एक दाण कह दियो नीं कै नीं पूग सकूं। कीं दूजौ अरेजमेंट करर सुलटारो कर दे नीं। दिसावरी बोल्यो। 

भाया री बंतल सुण सहारा भंवरजजाल मांय पजगी। फेरूं बां मन मांय विचारियो के छोटेड़ै ने बुलाय देवा। दूजैड़ै सूं कानाबाली व्ही पर बो तो उणसूं ई डावियाल निकलियो। कैवण लागो सहारा इतराक काम रै वास्तै इतरो लम्बो सफर। सहारा अबै जमानो बदलगो है। आजकल तो इलेक्ट्रीक फ्यूनरल व्है अर ओ काम तो..? दूजेड़ो दिसावरी बोल्यो। भा ा थूं घमो बोलगो। दिसावर मांय जा दिसावरी भाषा बोलण लागगो। देस री संस्कृति ने भूलगो। थारा बापू ने भूलगो। जको थनै रिपियो कवौ जिमावतो। थारे खातर मोटा मोटा सुपना देख्या, थनै मोटा डागदर बणायो अर आज आखीर वेला मांय..? म्हारै बापू कोजी कजा व्है री है। सहारा भायां री बंतल सुण घणी रोई अर मन मांय बां ने धिक्कारिया। 

टैम खासो व्हैगो हो, खांद्या खतावण करण लागा क्यूंकै सगला ने ठाह पड़गी कै अबै घणो बखत काढ़यौ पण बेटा तो कपूत निवड़िया सो आवे नीं। 

सहारा एक कानी बापू ने देख अर दूकै कानी भायां री बंतल कानां मांय गरणावै। घणी रोई, नैणा रा आंसूड़ा पूंछया, बापू री अरथी रे खांदो दिनो अर सागै व्हीर व्हैगी। सगला खांद्या सहारा री हिम्मत ने देख घणा राजी व्हिया। एक बेटी आपरे बापू री देह ने अगली लांपौ दियौ।

No comments:

Post a Comment

Rajasthan GK Fact Set 06 - "Geographical Location and Extent of the Districts of Rajasthan" (राजस्थान के जिलों की भौगोलिक अवस्थिति एवं विस्तार)

Its sixth blog post with new title and topic- "Geographical Location and Extent of the Districts of Rajasthan" (राजस्थान के ...