साहित्यकार | रचनाएं | विशेष |
कन्हैयालाल सेठिया | मींझर, गलगचिया, कूंक, पाताल पीथल तथा रमणिये रा सोरठा (राजस्थानी भाषा में लिखी काव्यकृतियां) | - |
विजयदान देथा | बातां री फुलवारी (लोक कथाएं) | 1974 साहित्य अकादमी पुरस्कर से सम्मानित |
सीताराम लालस | राजस्थानी शब्दकोश | - |
कोमल कोठारी | राजस्थानी लोकगीतों, कथाओं आदि का संकलन (रूपायन संस्था द्वारा) | 1975 नुहरू फैलोशिप पुरस्कार |
अगरचंद नाहटा | पांडुलिपी संग्रह एवं लघुकथाएं | - |
बसीर अहमद मयूख | गालिब की रचनाओं का राजस्थानी अनुवाद | (कोटा) 1976 सिंघवी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार |
मणी मधुकर | भरत मुनी के बाद (उपन्यास) पगफैरो (काव्य) | 1976 प्रेमचंद पुरस्कार; साहित्य पुरस्कार |
मनोहर वर्मा | आग का गोला सूर्य, एक थी चुहिया दादी, मैं पृथ्वी हूं आदि | बाल साहित्य के जाने माने लेखक |
महेन्द्र भानावत | गेहरो फूल गुलाब रो, देव नारायण रो भारत आदि | लोक कला, कथा, नुत्य, गायन के क्षेत्र में विशेष योगदान |
Monday, 13 February 2012
आधुनिक राजस्थान के प्रमुख साहित्यकार एवं उनकी रचनाएं
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Its sixth blog post with new title and topic- "Geographical Location and Extent of the Districts of Rajasthan" (राजस्थान के ...
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Rajasthan, where culture is not just a name hidden behind the pages of forgetfulness; a place where one can imagine to have glimpses of ch...
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डॉ. हरिन्दर कुमार राजस्थान की धरती जानदार और शानदार सूरमाओं और कवियों से भरी पडी है सन् १८५७ में भी जब पूरा देश स्वातन्त्र्य चेतना से आन्दोल...
guruji thank you khu ya sukriya ada karu jara ditel me bateye
ReplyDeletesir ji insab ko ditel me kaise padha jayega
ReplyDeleteMusic and dance blend seamlessly in Rajasthan's folk traditions! The Manganiyar musicians accompany the dances with their soul-stirring melodies, taking the performances to a whole new level of enchantment Rajasthan ke Lok Nritya
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