- चर्चरी, ढाल, चोडालिया, छःडालिया, पावडा, मंगल, धवल, बावनी, कुलक, हीयाली, रेलुका व संझाय इत्यादि - राजस्थानी पद्य साहित्य की विविध विधाएं (शैलियां)
- जयसिंह चरित्र - पुंडरिक रत्नाकर
- नाथ चरित्र, जलंधर चरित्र व नाथ पुराण - जोधपुर महाराजा मानसिंह
- जोधपुर महाराजा जसवंतसिंह की दो प्रसिद्ध रचनाएं - भाषा भूषण (अलंकार ग्रंथ) व प्रबोध चंद्रोदय नामक नाटक
- प्रतापचरित्र, दुर्गादास चरित्र व रूठी रानी - केसरीसिंह बारहठ
- हाला झाला री कुंडलियां - ईसरदास बारहठ
- हम्मीर मदमर्दन - जयसिंह सूरी
- ज्ञान समुंद्र - संत सुंदरदास
- राणा कुंभा की प्रसिद्ध संगीत विषयक कृतियां - रसिक प्रिया,संगीत राज व संगीत मीमांसा
- अजमेर के चैहान शासक विग्रहराज चतुर्थ (बीसलदेव) का प्रसिद्ध ऐतिहासिक नाटक - हरिकेलि
- ए प्रिंसेस रिमेंबर्स - महारानी गायत्रीदेवी
- ए डिस्क्रेप्टिव केटलाॅग आॅफ दी बार्डिक एंड हिस्टोरिकल क्रोनिकल्स - एल.पी. तेस्तितोरी
- राजपूताने का इतिहास - पं. गौरीशंकर हीराचंद ओझा
- मेवाड़ दिग्दर्शन - बलवंतसिंह मेहता
- राजस्थान के लोकानुरंजक - देवीलाल सामर
- मेवाड़ प्रजामंडल - मोहनलाल सुखाडि़या
- प्रत्यक्ष जीवनशास्त्र - हीरालाल शास्त्री
- बोलो माधवी - चंद्रप्रकाश देवल
- उसने कहा था - चंद्रधर शर्मा गुलेरी
- वर्ष 1954 में प्रकाशित राजस्थानी व्याकरण के लेखक - सीताराम लालस
- राजप्रशस्ति महाकाव्य - रणछोड़दास भट्ट
- पदमनाभ द्वारा रचित दो प्रसिद्ध कृतियां - कान्हड़दे प्रबंध व हमीरायण
- एकमात्र ऐसा प्रमुख रासौ ग्रंथ जो डिंगल भाषा में रचित है - गिरधर आसिया का सगत रासौ
- एकमात्र ऐसा प्रमुख रासौ ग्रंथ जो राजस्थान के ब्राह्मण साहित्य का प्रमुख अंग/ग्रंथ है - नरपति नाल्ह का बीसलदेव रासो
- राजस्थानी साहित्य में ब्राह्मण साहित्य के दो प्रमुख ग्रंथ - बीसलदेव रासौ व कान्हड़दे प्रबंध
- राजस्थानी साहित्य की कौनसी प्राचीन विद्या गद्य-पद्य तुकांत रचना होती है - वचनिका
- राजस्थानी साहित्य की गद्य विधाएं - ख्यात, वात, विगत, विगत, वंशावली, हाल, हकीकत, दवावैत
- राजस्थानी साहित्य की पद्य विधाएं - रासौ, वेलि, निसाणी, वचनिका
- राजस्थानी भाषा में गद्य में लिखा गया सबसे प्रसिद्ध साहित्य है - ख्यात
- मुहणौत नैणसी मारवाड़ के जसवंतसिंह प्रथम के दरबारी व दीवान थे।
- महाकवि सूर्यमल्ल मिश्रण का जन्म बूंदी जिले में हुआ था।
- राजस्थानी भाषा शब्दकोश के जनक है - सीताराम लालस
- केसरीसिंह बारहठ द्वारा प्रसिद्ध क्रांतिकारी रचना ‘चेतावनी रा चूंगट्या’ किस शासक के द्वारा लिखी गई थी - मेवाड़ महाराणा फतेहसिंह
- 19वीं शताब्दी में राजस्थान में राष्ट्रीय भावनाओं से ओत-प्रोत लेखन का प्रारंभ किससे माना जाता है/आधुनिक राजस्थानी काव्य के नवजागरण के पुरोधा कवि है - सूर्यमल मिश्रण
- पृथ्वीराज राठौड़ किस नाम से साहित्य रचना करते थे - पीथल
- वेलि क्रिसन रूक्मणी के रचयिता - पृथ्वीराज राठौड़
- वेलि क्रिसन रूक्मणी री टीकाकार - जैतदान
- सूर्य मल मिश्रण बूंदी शासक महाराव रामसिंह हाडा के दरबारी थे।
- वीर विनोद के रचयिता कविराज श्यामलदास मेवाड़ महाराणा सज्जनसिंह (शंभूसिंह) के दरबारी थे।
- राजस्थान थ्रू द एजेज के लेखक - नाथूराम खड़गावत (राजस्थान में 1857 की क्रांति का व्यापक अध्ययनकर्ता)
- राजस्थान के किस प्रसिद्ध साहित्यकार व इतिहासकार को ब्रिटिश सरकार द्वारा केसर-ए-हिंद की उपाधि से सम्मानित किया गया - महामहोपाध्याय कविराज श्यामलदास
- कवि बिहारी मिर्जा राजा जयसिंह के दरबारी थे।
- राजस्थान में डाॅ. तेस्तितोरी का संबंध किस क्षेत्र से था - चारण साहित्य
- अजमेर हिस्टोरिकल एंड डिस्क्रेप्टिव तथा हिंदु सुपीरियरिटी आदि प्रसिद्ध पुस्तकों के लेखक थे - अजमेर के राय बहादुर हरविलास शारदा
- जब महाराणा प्रताप ने भावावेश में आकर अकबर के समक्ष आत्मसमर्पण हेतु पत्र लिखना चाहा तो किस कवि ने उनमें आत्मविश्वास पैदा कर ऐसा करने से रोका था - पृथ्वीराज राठौड़
- राजस्थानी भाषा में रामायण के रचयिता - संत हनवंत किंकर
- चारणी गद्य साहित्य (डिंगल साहित्य) के दो सबसे महान साहित्यकार (इतिहासकार) - बांकीदास व दयालदास
- कह दो आ डंके री चोट, मारवाड़ नहीं रह सी ओट कविता के रचयिता - जयनारायण व्यास
- ढोला मारू रा दूहा राजस्थानी लोक साहित्य की कौनसी विधा है - लोक काव्य
- डिंगल का हैरोस - पृथ्वीराज राठौड़
- इला न देणी आपणी, हालरियो हुलराय; पूत सिखावै पालणै, मरण बड़ाई माया प्रस्तुत दोहा पंक्ति किस प्रसिद्ध रचना की है - सूर्यमल्ल मिश्रण की वीर सतसई
- 19वीं शताब्दी के प्रारंभ में राजस्थान में इतिहास लेखन का प्रारंभ किससे माना जाता है - कर्नल जेम्स टॉड
- 20 वीं सदी में राजस्थान के इतिहास लेखन की परंपरा आरंभ करने वाले राजस्थानी इतिहासकार - पं. गौरी शंकर हीराचंद ओझा
- राजस्थानी गद्य साहित्य के अमर लेखक बांकीदास की ऐतिहासिक बातों का संग्रह - सिंढायच
- मुंडियार री ख्यात को राठौड़ा री ख्यात भी कहा जाता है जिसके लेखक है - दयालदास
- 8 वीं शताब्दी में संस्कृत भाषा में रचित शिशुपाल वधम नामक महाकाव्य के रचयिता महाकवि माघ राजस्थान की विभूति है जो भीनमाल के निवासी थे।
- कान्हड़दे प्रबंध के रचयिता महाकवि पदमनाभ जालोर के शासक अखेराज सेानगरा के दरबारी थे।
- राजस्थानी साहित्य के अमर लेखक बांकीदास मारवाड़ध्जोधपुर महाराजा मानसिंह के व दयालदास बीकानेर महाराज रतनसिंह के दरबारी थे।
- विधवा जीवन पर लिखी गई रचना हूं गौरी किण पीव री के लेखक है - यादवेंद्र शर्मा चंद्र
- हिंदी में सर्वप्रथम भारतीय लिपी का शास्त्र लेखन करने वाले राजस्थान के सुप्रसिद्ध इतिहासकार - पं. गौरीशंकर हीराचंद ओझा
- विजयदान देथा द्वारा रचित बाता री फुलवारी की प्रमुख विशेषता है - राजस्थानी लोककथाओं का संग्रह
- किस ग्रंथ के 5वां वेद व 19वां पुराण कहा गया है - पृथ्वीराज राठौड़ द्वारा रचित वेलि क्रिसन रूक्मणी री को
- करौली के यदुवंशी शासकों का वर्णन करने वाला रासौ ग्रंथ - नल्लसिंह भट्ट का विजयपाल रासौ
- रणथंभौर के राव हमीर की विजयों का विस्तृत विवरण देनों वाला ग्रंथ है - हमीर महाकाव्य
- सुमेल युद्ध का वर्णन करने वाली ख्यात जोधपुर की ख्यात है जिसके लेखक थे - मुरारीदान
- राजस्थान के इतिहास की सबसे प्रसिद्ध रचना व सबसे महत्वपूर्ण कृति हैध् सबसे प्रथम रचना - कर्नल जेम्स टॉड की "एनल्स एंड एंटीक्विटीज आफ राजस्थान" (2 खंडों में)
- कर्नल जेम्स टॉड की प्रसिद्ध कृति एनल्स का प्रथम खंड 1829 में व द्वितीय खंड संन 1832 में प्रकाशित हुआ। एनल्स के प्रथम खंड में राजपूताने की भौगोलिक स्थिति राजपूतों की वंशावली व मेवाड़ रियासत का इतिहास है।
- विग्रहराज चतुर्थ द्वारा रचित हरिकेल नाटक के कुछ अंश ढाई दिन का झौंपड़ा नामक मस्जिद की दीवारों पर उत्कीर्ण है।
- आयो इंगरेज मुलक रै उपर काव्य रचना के लेखक थे - बांकिदास
- गुलिस्तांरू शेखसादी द्वारा लिखे गये इस ग्रंथ को अलवर महाराजा विजयसिंह ने जवाहरातों की स्याही से लिखवाया था।
- राजस्थान का गजेटियर - मारवाड़ रा परगना री विगत
- जोधपुर का गजेटियर - नैणसी री ख्यात
- राजस्थान के जैसलमेर जिले में प्रचलित लोकवार्ता (प्रेमाख्यान) है - मूमल
- राजस्थान का कौनसा प्रसिद्ध ऐेतिहासिक ख्यात अधूरा है - नैणसी की ख्यात
- कलीला-दमना - मेवाड़ शैली की कहानी के दो पात्र
- राजस्थान की कौनसी जाति विभिन्न जातियों के वंशक्रम को अपनी बहियों में सुरक्षित रखती है - भाट
- राजस्थानी लोक साहित्य में किस जाति का सबसे महत्वपूर्ण योगदान है - चारण
- राजस्थानी भाषा साहित्य में पवाड़ा - वीरों के विशेष कार्यों का वर्णन करने वाली रचना अर्थात लोक गाथाएं
- राजस्थानी संस्कृति का गढ है - राजस्थानी साहित्य
- राजस्थान के महान कवि, इतिहासकार व साहित्यकार चंदबरदाई का वास्तविक नाम था - पृथ्वीभट्ट
- राजस्थान का सर्वाधिक प्रसिद्ध लोक काव्य - ढोला मारू रा दूहा
- राजस्थानी भाषा की सबसे पहलीध्सबसे प्राचीन रचना - वज्रसेन सूरी की भरतेश्वर बाहुबलि घोर
- संवतोल्लेख वाली प्रथम राजस्थानी रचना पहली तिथियुक्त राजस्थान रचना - शालिभद्र सूरि की भरतेश्वर बाहुबलि रास
- वचनिका शैली की प्रथम सशक्त रचनाध्सबसे प्राचीन वचनिकाध्चारण शैली की प्रथम रचना किसे माना जाता है - शिवदास गाडण द्वारा रचित अचलदास खींची री वचनिका
- ख्यात शैली की प्रथम रचनाध्सबसे प्राचीन ख्यात - मुहणौत नैणसी री ख्यात
- राजस्थानी भाषा का प्रथम उपन्यास - शिवचंद भरातिया का कनक सुंदर
- आधुनिक राजस्थानी भाषा की प्रथम की काव्य कृति - चंद्रसिंह बिरकाली द्वारा रचित बादली
- राजस्थान में पाया जाने वाला सबसे प्राचीन साहित्य - ब्राह्मण साहित्य
- राजस्थान का प्रथम हिंदी गद्य निर्माता, प्रथम हिंदी उपन्यासकार व प्रथम पत्रकार - बूंदी के मेहता लज्जाराम शर्मा
- राजस्थानी भाषा का सर्वाधिक महत्वपूर्ण व सर्वाधिक विशिष्ट साहित्य - चारण साहित्य
- कान्हड़दे प्रबंध को वीर रस का राजस्थानी महाकाव्य कहा जाता है।
- राजस्थान में जन्मे प्रसिद्ध संस्कृत महाकवि - माघ
- राजस्थानी भाषा के प्रथम उपन्यासकार, नाटककार व कहानीकार - शिवचंद भरातिया
- संस्कृत भाषा में रचित ब्राह्मण साहित्य राजस्थान में पाया जाने वाला सबसे प्राचीन साहित्य है।
:::BEST WISHES FOR YOUR EXAMS:::
**RAJASTHAN STUDIES**
Visit these blogs for more innovative
content for
All Competitive Examinations
(Content on Geography, History, Polity, Economy,
Biology, Physics, Chemistry Science & Technology, General English, Computer
etc. for Examinations held by UPSC - CSAT, CDS, NDA, AC; RPSC And Other
State Public Service Commissions, IBPS - Clercial & PO, SBI, RRB, SSC
- HSL, CGL etc.)
(Special Content for RAS 2013 Prelims & Mains)
(Learn through Maps, Diagrams & Flowcharts)
Regards,
RAJASTHAN STUDIES
Blog on Rajasthan General Knowledge (GK) for all Competitive
Examinations Conducted by Rajasthan Public Service Commission (RPSC) and other
Governing Bodies.
Sir best qu.. and answer Thanks a lot
ReplyDeleteSir Sagat raso k writer girdhar aasiya h. Kya Sagat raso or sagatsingh raso ek hi h
ReplyDeleteSir Sagat raso k writer girdhar aasiya h. Kya Sagat raso or sagatsingh raso ek hi h
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteContact me for increasing pageviews of your blog phone 9928328707
ReplyDeleteनमस्कार
ReplyDeleteकवी शामलदास लिखित वीर विनोद यह साहीत्य रचना पढणा चाहता हुं यह साहीत्य ग्रंथ कहाँ मिलेगा इसकी जाणकारी उपलब्ध कराएं-रामभाऊ लांडे जालना महाराष्ट्र 9421349586
नमस्कार
ReplyDeleteकवी शामलदास लिखित वीर विनोद यह साहीत्य रचना पढणा चाहता हुं यह साहीत्य ग्रंथ कहाँ मिलेगा इसकी जाणकारी उपलब्ध कराएं-रामभाऊ लांडे जालना महाराष्ट्र 9421349586
Rajasthan ke Lok Nritya
ReplyDelete