आपणी भासा राजस्थानी, आपणो राजस्थान।
रिपिया टक्का घणा ई, कमावो, थोडो देवो ध्यान।
आपणी भासा राजस्थानी, आपणो राजस्थान।
राजस्थान ओलखिजे, मायड़ भासा रे पाण।
आपणी भासा राजस्थानी, आपणो राजस्थान।
राजस्थान री राजस्थानी, कांई परतख ने परमाण।
आपणी भासा राजस्थानी, आपणो राजस्थान।
राजस्थानी मीठी भासा, अर, गुणो री खाण।
आपणी भासा राजस्थानी, आपणो राजस्थान।
मांयड ने मान दिरावालां, हिरदै ल्यौ थे ठाण।
आपणी भासा राजस्थानी, आपणो राजस्थान।
अबै निदांला मत रहिजो, थाने मायड भौम री आण।
आपणी भासा राजस्थानी, आपणो राजस्थान।
गांव-गांव, ढांणी-ढांणी मंडियो है घमसाण।
आपणी भासा राजस्थानी, आपणो राजस्थान।
मायड़ उडीके मानता ने, ल्यावो संजीवनी, हडमान।
आपणी भासा राजस्थानी, आपणो राजस्थान।
मायड़ सूपत सब ऐक है, किण विध खिचाताण।
आपणी भासा राजस्थानी, आपणो राजस्थान।
जग बिसरमा उडीकतां, पर! कोनी मिली पिछाण।
आपणी भासा राजस्थानी, आपणो राजस्थान।
धरमराज बण कोई काढेला, मानता रो फरमाण।
आपणी भासा राजस्थानी, आपणो राजस्थान।
हाथ जोड अरदास पन्ना री, मिलै मायड़ ने सनमान।
आपणी भासा राजस्थानी आपणो राजस्थान।
रचना - पन्नालाल कटारिया 'बिठौड़ा''
राम राम सा
ReplyDeleteराम राम सा
ReplyDelete